Ads Area

PCR, IV, and Options Chain uses in share market hindi

🙏 जय श्री राम दोस्तों 🙏 आज के इस लेख में हम जानेंगे कि PCR (Put-Call Ratio), IV (Implied Volatility), और Option Chain जैसे महत्वपूर्ण टूल्स क्या होते हैं और कैसे ये शेयर मार्केट, विशेष रूप से ऑप्शन ट्रेडिंग में, हमारे लिए फायदेमंद साबित होते हैं। यह लेख बिल्कुल सरल भाषा में है ताकि एक आम निवेशक भी इसे आसानी से समझ सके।


📌 1. PCR (Put-Call Ratio) क्या होता है?

Put-Call Ratio (PCR) एक बहुत ही महत्वपूर्ण संकेतक (Indicator) है जो यह बताता है कि मार्केट में बुलिश (तेजी) मूड है या फिर बियरिश (मंदी)।

PCR = Total Put Open Interest / Total Call Open Interest

अगर PCR का मान:

  • > 1 होता है — इसका मतलब मार्केट में मंदी का मूड है, यानी ज्यादा लोग मार्केट गिरने की उम्मीद कर रहे हैं।
  • < 1 होता है — इसका अर्थ है कि मार्केट में तेजी की उम्मीद की जा रही है।

उदाहरण:
अगर Nifty के ऑप्शन डेटा में Put ओपन इंटरेस्ट 1,00,000 है और Call ओपन इंटरेस्ट 50,000 है, तो PCR = 2
यानि मंदी का मूड ज्यादा है।

PCR क्यों ज़रूरी है?
यह हमें यह समझने में मदद करता है कि मार्केट में भीड़ किस दिशा में जा रही है। लेकिन याद रखें – यह एक अकेला निर्णय लेने का टूल नहीं है, बल्कि अन्य संकेतों के साथ उपयोग करना चाहिए।


📌 2. IV (Implied Volatility) क्या होता है?

Implied Volatility (IV) यह बताता है कि मार्केट एक स्टॉक या इंडेक्स में आने वाले समय में कितनी तेजी से या कितनी अधिक मूवमेंट की उम्मीद कर रहा है।

  • जब IV ज्यादा होता है, इसका मतलब होता है मार्केट में अनिश्चितता ज़्यादा है, और प्रीमियम महंगे हो जाते हैं।
  • जब IV कम होता है, तब ऑप्शन सस्ते होते हैं और मार्केट अपेक्षाकृत शांत होता है।

IV का उपयोग कैसे करें?

  • Buyers के लिए: IV कम हो तो ऑप्शन खरीदना बेहतर माना जाता है।
  • Sellers के लिए: IV ज्यादा हो तो ऑप्शन बेचना अच्छा माना जाता है क्योंकि प्रीमियम मोटे मिलते हैं।

IV Rank और IV Percentile जैसे टूल्स IV की तुलना पिछले आंकड़ों से करके निर्णय लेने में मदद करते हैं।


📌 3. Option Chain क्या होता है?

Option Chain एक टेबल की तरह होता है जिसमें किसी भी स्टॉक या इंडेक्स के Call और Put ऑप्शन के डेटा को एक जगह दिखाया जाता है। इसमें Strike Price, Open Interest, Volume, IV आदि की जानकारी होती है।

Option Chain में मुख्य कॉलम:

  • Strike Price: वह कीमत जिस पर आप ऑप्शन एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  • Call Open Interest / Put Open Interest: कितने कांट्रैक्ट खुले हैं।
  • Change in OI: बदलाव क्या आया है, इससे ट्रेडर्स का मूड पता चलता है।
  • Volume: एक दिन में कितने ऑप्शन ट्रेड हुए।

Option Chain पढ़ने का तरीका:

  • जहां पर Call Side में सबसे ज्यादा Open Interest हो, वह Resistance माना जाता है।
  • और जहां पर Put Side में सबसे ज्यादा Open Interest हो, वह Support माना जाता है।

📌 4. PCR और Option Chain का संयोजन कैसे करें?

  • अगर किसी लेवल पर बहुत ज्यादा Put OI है और PCR भी High है (1.5 से ऊपर), तो वहां Support बन सकता है।
  • अगर किसी लेवल पर ज्यादा Call OI है और PCR Low है (0.8 से नीचे), तो वह Resistance हो सकता है।

उदाहरण के तौर पर:
Nifty में 22500 पर ज्यादा Call OI है और PCR 0.7 है, तो यह स्तर एक मजबूत Resistance बन सकता है।


📌 5. मुख्य उपयोग होने वाले टूल्स और वेबसाइट

नीचे दिए गए टूल्स और वेबसाइट्स PCR, IV, और Option Chain देखने के लिए सबसे ज्यादा उपयोग होते हैं:

  1. NSE India (https://www.nseindia.com/)

    • सबसे भरोसेमंद और रियल टाइम डेटा
    • Option Chain, OI और Volume की जानकारी
  2. Sensibull (https://www.sensibull.com/)

    • IV Rank, Option Strategy, PCR Chart जैसी सुविधाएं
    • खासकर ऑप्शन ट्रेडर्स के लिए
  3. StockEdge App / Website

    • PCR, IV, Volume Breakout, Delivery Analysis
  4. Opstra (https://opstra.definedge.com/)

    • IV Chart, OI Built-up, Strategy Builder
  5. TradingView (https://tradingview.com/)

    • चार्टिंग के लिए और OI/Nifty PCR Indicator लगाने के लिए बहुत उपयोगी

📌 6. ट्रेडिंग के लिए PCR, IV और Option Chain का उपयोग कैसे करें?

  1. PCR देखकर मूड का अंदाजा लगाएं:

    • PCR > 1.3 → भीड़ मंदी सोच रही है → Reversal संभव है
    • PCR < 0.7 → भीड़ तेजी में है → Correction संभव है
  2. IV देखकर निर्णय लें कि ऑप्शन खरीदना है या बेचना:

    • High IV → ऑप्शन बेचना लाभदायक
    • Low IV → ऑप्शन खरीदना उचित
  3. Option Chain देखकर Support और Resistance समझें:

    • सबसे ज्यादा Put OI → Support
    • सबसे ज्यादा Call OI → Resistance
  4. Volume और OI Change का विश्लेषण करें:

    • Call में OI बढ़े और Price घटे → Short Built-up
    • Put में OI बढ़े और Price बढ़े → Long Built-up

📌 7. ध्यान रखने योग्य बातें

  • PCR, IV और Option Chain संकेतक मात्र हैं – ये 100% गारंटी नहीं देते।
  • टेक्निकल चार्ट्स के साथ इनका संयोजन करें तो ज्यादा प्रभावी होते हैं।
  • News, Events, और Results के समय IV बढ़ सकता है, इसलिए सतर्क रहें।
  • सीखने के लिए पहले पेपर ट्रेड करें और फिर रियल पैसे लगाएं।

📌 निष्कर्ष

अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो PCR, IV और Option Chain को समझना बहुत जरूरी है। ये तीनों संकेतक मिलकर हमें यह अंदाजा देते हैं कि मार्केट किस दिशा में जाने वाला है और कब ट्रेड करना फायदेमंद होगा।

सही ज्ञान और अभ्यास से आप ऑप्शन मार्केट में एक सफल ट्रेडर बन सकते हैं।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Top Post Responsive Ads code (Google Ads)